रमा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है और दीपावली के ठीक चार दिन पहले आता है। इस तिथि पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस साल यह व्रत आज यानी 17 अक्टूबर को रखा जा रहा है। माना जाता है कि रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का स्थायी वास होता है।
रमा एकादशी पूजा की सरल विधि
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ पीले वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
एक वेदी पर पीले वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान को पीला चंदन, पीले फूल, माला, और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
तुलसी दल विष्णु पूजा में जरूर शामिल करें।
घी का दीपक और धूप जलाएं।
रमा एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
अंत में भगवान विष्णु की आरती उतारें।
पूजा में हुई सभी भूल के लिए भगवान से क्षमा मांगें।
भोग – पीले फल, मिठाई, पंजीरी और पंचामृत आदि का भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भोग में तुलसी दल जरूर हो।
भगवान विष्णु पूजन मंत्र
ॐ विष्णवे नमः।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
ॐ नमो नारायण। श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि।।
पूजा सामग्री
श्री विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा
पीले फूल
चंदन
तुलसी दल
धूप
दीपक
घी
फल
गंगाजल
पंचामृत
रोली
अक्षत आदि।