रफाह में इजरायली हमले में पूर्व भारतीय अधिकारी की मौत

गाजा के मिस्त्र सीमा पर स्थित शहर रफाह में सोमवार को इजरायली हमले की चपेट में आए संयुक्त राष्ट्र के वाहन में सवार भारतीय अधिकारी कर्नल (अवकाश प्राप्त) वैभव अनिल काले की मौत हो गई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने मंगलवार को काले के असामयिक निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की संपूर्ण जांच की मांग की।

संयुक्त राष्ट्र के लिए करते थे काम

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने वैश्विक संस्था के वाहन पर इजरायल के हमले की निंदा करते हुए कर्नल काले की मौत पर दुख जताया है। 46 वर्षीय काले ने 2022 में भारतीय सेना से रिटायरमेंट लिया था और तीन सप्ताह पूर्व ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सिक्युरिटी कोआर्डिनेशन आफीसर के रूप में सेवा देनी शुरू की थी। एक समय 11 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में कार्य कर चुके कर्नल काले रफाह के यूरोपियन हास्पिटल में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सुरक्षा कार्यों के लिए तैनात थे।

संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की संपूर्ण जांच की मांग की

इसी दौरान सोमवार सुबह संयुक्त राष्ट्र का वह वाहन इजरायली हमले का निशाना बन गया जिसमें वह सफर कर रहे थे। हमले के कई घंटे बाद कर्नल काले की पहचान स्पष्ट हो पाई। उनके साथ वाहन में मौजूद व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है, उसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। गाजा में सात महीने से जारी इजरायल-हमास युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र के किसी विदेशी कर्मी की यह पहली मौत है। संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की संपूर्ण जांच की मांग की है। इजरायल सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले युद्ध के दौरान गाजा में संयुक्त राष्ट्र के 190 से ज्यादा कर्मी मारे जा चुके हैं लेकिन वे सब वहीं के मूल निवासी थे।

जेएनयू से किया ग्रेजुएशन, लखनऊ में पढ़ाई

कर्नल काले ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से बीए किया था और आइआइएम लखनऊ व इंदौर में भी पढ़ाई की थी। 1998 में भारतीय सेना की नौकरी शुरू करने वाले काले 2009-10 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भी शामिल रहे थे। मुंबई निवासी उनके रिश्तेदार विंग कमांडर (रिटायर्ड) प्रशांत कारडे ने बताया है कि सेवा कार्य में रुचि के चलते ही काले ने संयुक्त राष्ट्र की सेवा जाने का निर्णय लिया था। काले के परिवार में पत्नी और किशोरवय के दो बच्चे हैं। काले का पार्थिव शरीर मिस्त्र के रास्ते भारत लाया जाएगा और अंतिम संस्कार पुणे में होगा।

अमेरिकी सांसद ने कहा, गाजा पर परमाणु बम डाले इजरायल

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद लिंडसे ग्राहम ने हैरान करने वाला बयान दिया है। कहा है कि द्वितीय विश्वयुद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए थे। वह अमेरिका का सही निर्णय था। अब इजरायल को यही कार्य करना चाहिए और गाजा पर परमाणु बम गिराकर वहां चल रहा युद्ध खत्म करना चाहिए। ग्राहम इजरायल के कट्टर समर्थक माने जाते हैं।

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इजरायल को घातक बमों की आपूर्ति रोकने के निर्णय की निंदा की है। एनबीसी से साक्षात्कार में ग्राहम ने कहा, द्वितीय विश्वयुद्ध में जब हम पर्ल हार्बर पर हमले के बाद जर्मनी और जापान से मुश्किल महसूस कर रहे थे उस समय जापानी शहरों पर परमाणु हमले का निर्णय लिया गया था। उन हमलों में दो लाख लोग मारे गए थे और युद्ध खत्म हो गया था। वह उस समय का सही निर्णय था। इसलिए अब इजरायल को भी यही करना चाहिए।

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