देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जारी है. वैक्सीनेशन अभियान के दौरान पहले स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वॉरियर्स को वैक्सीन की खुराक दी जा रही है. कोरोना वैक्सीन को लेकर आम से खास लोगों में कई भ्रम और डर हैं. इस डर को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी में है.
योगी सरकार अगले सप्ताह से सूबे में वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाएगी. सूबे में जगह-जगह पर पोस्ट और वॉल राइटिंग होगी. साथ ही टीवी, रेडियो और न्यूजपेपर के जरिए भी लोगों को जागरुक किया जाएगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में शुक्रवार (22 जनवरी, 2021) को 1537 केन्द्रों व बूथों पर टीकाकरण का आयोजन किया गया.
कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन के दौरान ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें बीजेपी की कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं है और वह ये वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी.
अपने बयान को लेकर चौतरफा घिरने के बाद अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी थी. उन्होंने लिखा था, ‘हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर बीजेपी की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व बीजेपी सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोना काल में ठप्प-सी पड़ी रही है. हम बीजेपी की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. सपा की सरकार वैक्सीन मुफ़्त लगवाएगी.’
कोरोना वैक्सीन को लेकर मुस्लिम संगठनों ने इसे हराम बताया था. मुस्लिम संगठनों ने कोरोना वैक्सीन में पोर्क यानी सुअर की चर्बी के इस्तेमाल का शक जताया था. वैक्सीन के सिलसिले में चर्चा के लिए मुंबई में इस्लामिक संगठनों की एक बैठक हुई थी जिसमें ऑल इंडिया सुन्नी जमीयते उलेमा और रजा अकादमी के सदस्य भी शामिल हुए थे.
धर्मगुरुओं के मुताबिक इस्लाम में सुअर की चर्बी का किसी भी रूप में इस्तेमाल हराम है. लिहाजा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भारत सरकार से अपील की है कि चीन की वैक्सीन न मंगवाई जाए.