उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में पिछली सरकार के दौरान हुई भर्तियों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक पिछली सरकार के दौरान यूपी लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक अनिरुद्ध यादव को यूपी लोकसेवा आयोग के चेयरमैन के पद से हटाया जा सकता है. न्यूज18 इंडिया की एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अनिरुद्ध यादव को पद से हटाया जा सकता है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनिरुद्ध यादव को तलब किया है.
बता दें कि योगी सरकार बनने के बाद से ही आयोग में भर्तियों और इंटरव्यू पर रोक लगी है. आयोग के खिलाफ कई शिकायतें मिलने के बाद अनिरुद्ध यादव को तलब किया गया है. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुई भर्तियों पर कई बार धांधली के आरोप लगे.
अखिलेश राज में दारोगा के पद के लिए हुई धांधली के आरोप में 4 हजार 10 पदों पर भर्ती लटक गई. इन भर्तियों का रिजल्ट 16 मार्च 2015 को जारी हुआ था. आरोप लगे थे कि भर्ती में एक खास जाति को तरजीह दी गई है. वहीं, सिपाही की 34 हजार 716 भर्तियां भी लटक गईं. सिपाहियों का रिजल्ट तैयार है, लेकिन उनकी भर्तियां नहीं हो रही है. कोर्ट ने सिपाही भर्ती की नई नियमावली में बदलाव किए हैं.
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इसी तरह शिक्षक और प्रिंसिपल की भी 9 हजार 270 पदों पर भर्तियां अधर में लटक गई हैं. 5 साल में एक भी भर्ती नहीं हो पाई है. 5 बार भर्ती का विज्ञापन जारी हो चुका है. 5 बार आयोग के अध्यक्ष हटाए गए हैं. 40 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती भी लटकी हुई है. विवादों की वजह से 3 बार भर्ती रद्द हुई है. पीसीएस परीक्षा में भी 29 मार्च, 2015 को पेपर लीक हो गया था, जिसकी वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई थी. इस मामले में भी यूपी लोक सेवा आयोग की भूमिका पर सवाल उठे थे.
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