पार्टी सूत्रों के कहना है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है। इसी रणनीति के तहत पार्टी योगी कैबिनेट के कुछ चिरपरिचित चेहरों को लोकसभा चुनावों में उतार सकती है। इनमें महिला, बाल और परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा, कानून मंत्री ब्रिजेश पाठक, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, वन और पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और यूपी विधानसभा के स्पीकर ह्रदय नारायण दीक्षित जैसे कुछ नाम हैं, जिन पर पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ या फूलपुर से चुनाव मैदान में उतार सकती है, वहीं श्रीकांत शर्मा को मथुरा लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है। शर्मा फिलहाल मथुरा से ही विधायक हैं। वहीं सतीश महाना को कानपुर, दारा सिंह चौहान को घोसी या पूर्वांचल की किसी सीट से टिकट दिया जा सकता है। दारा सिंह पूर्वांचल में काफी प्रसिद्ध नेता हैं और पिछड़ों में उनकी खासी पैठ है। इसके अलावा ह्रदय नारायण दीक्षित की उन्नाव और सिद्धार्थ नाथ सिंह को इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
वहीं, पार्टी खराब परफॉरमेंस के आधार पर 30-40 प्रतिशत वतर्मान सांसदों के टिकट काट सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी 75 साल से ज्यादा उम्र वाले सांसदों के भी टिकट काटने पर विचार कर रही है। इनमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, मोदी कैबिनेट में शामिल रहे चुके पूर्व सूक्ष्म एवं लघु उघोग मंत्री कलराज मिश्र, मथुरा से हेमा मालिनी, केन्द्रीय मंत्री और झांसी से सांसद उमा भारती, इटावा से सांसद अशोक कुमार दोहरे, संत कबीर नंगर से सांसद शरत त्रिपाठी, इलाहाबाद (उत्तर) से सांसद श्यामा चरण गुप्ता, डुमरियागंज से सांसद जगदम्बिका पाल और फतेहपुर सीकरी से सांसद चौधरी बाबूलाल का नाम शामिल हो सकता है।
इसके अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कई बड़े बागी नेता भी भाजपा के संपर्क में हैं, जो जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इनमें से कुछ बड़े चेहरों को पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में टिकट दे सकती है।
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