यूपी स्कूल के फिर से खोलने के दिशानिर्देश :- 21 सितंबर से 9-12 वीं के बच्चों के लिए आंशिक तौर पर खुलेंगे स्कूल

उत्तर प्रदेश स्कूल फिर से खोलने के दिशानिर्देश

महीनों से जनजीवन को जकड़े कोरोना संक्रमण की जंजीरों को धीरे-धीरे तोड़ फेंकने के साहसिक कदम बढ़ाए जा रहे हैं। एक सितंबर से शुरू हुए अनलॉक-4 के सहारे अब पुराने और अच्छे दिनों की ओर सधे कदम बढ़ाने की कोशिश प्रारंभ हो गई है। 21 सितंबर इसमें अहम पड़ाव है, जिसके बाद स्कूल-कॉलेजों के ताले खोल दिए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूल खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नौवीं से लेकर 12वीं के बच्चों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पूरी तैयारी कर ली है।

कोरोना काल में इस महीने की 21 तारीख से आंशिक तौर पर खुल रहे स्कूलों के लिए सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का पूरा ख्याल रखना होगा। स्टाफ रूम से लेकर क्लास रूम तक छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच दो गज यानी छह फीट की दूरी बनाए रखनी होगी। छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ ही स्कूल में आने वाले हर कर्मचारी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उन्हें बीच-बीच में हाथ भी धोते रहना होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्कूल खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। नौवीं से लेकर 12वीं के बच्चों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। स्कूल आने वाले सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखनी होगी। जहां-तहां थूकने पर पाबंदी होगी।

दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि स्कूल में राज्य हेल्पलाइन नंबर के साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के फोन नंबर भी प्रदर्शित किए जाएंगे। छात्र-छात्रों को स्वेच्छा से स्कूल आने की आजादी होगी। किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। बच्चे अपने माता-पिता की लिखित अनुमति लेकर ही स्कूल आएंगे।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षण को जारी रखना होगा। इसके लिए 50 फीसद शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा सकता है। स्कूल में स्वीमिंग पूल को बंद ही रखा जाएगा। एयरकंडीशनर के तापमान को 24-30 डिग्र्री सेल्सियस के बीच ही रखना होगा। आद्रता 40-70 फीसद के बीच रखनी होगी। क्रॉस वेंटिलेशन और स्वच्छ हवा के लिए व्यवस्था करनी होगी।

कक्षा नौ से 12 तक के छात्र मर्जी से जा सकेंगे स्कूल

कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में कक्षा नौ से बारह तक के विद्यार्थियों को अध्यापकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूलों में स्वैच्छिक आधार पर जाने की अनुमति होगी। इसके लिए विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति आवश्यक होगी। यह व्यवस्था 21 सितंबर 2020 से लागू होगी। इसके लिए एसओपी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की जाएगी।

21 सितंबर से स्कूलों में टीचिंग-नॉन टीचिंग 50 फीसद स्टाफ को ऑनलाइन शिक्षा या परामर्श के लिए बुलाया जा सकता है। इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की जाएगी।

राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या राज्य कौशल विकास मिशन, भारत सरकार व राज्य सरकार में पंजीकृत अल्पकालिक प्रशिक्षण केंद्रों में कौशल या व्यावसायिक प्रशिक्षण की अनुमति होगी।

राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय एवं विकास संस्थान, भारतीय उद्यमिता संस्थान, उद्यमिता विकास संस्थान उत्तरप्रदेश और उनके प्रशिक्षण देने वालों को भी अनुमति होगी। यह व्यवस्था 21 सितंबर, 2020 से लागू होगी।

उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल पीएचडी शोधार्थियों, तकनीकी या प्रयोगशाला संबंधी कार्य से जुड़े व्यावसायिक कार्यक्रम से संबंधित परास्नातक के छात्रों को अनुमति होगी। हालांकि ऐसा कोविड-19 की परिस्थितियों के मूल्यांकन के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग और गृह मंत्रालय से विचार-विमर्श के बाद ही होगा।

 

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