चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने कहा है कि प्रदेश में ड्यूटी से लंबे समय से गायब 800 चिकित्सक शीघ्र ही बर्खास्त होंगे। इनको हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इनकी जगह शीघ्र ही नए चिकित्सकों की तैनाती कर दी जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री बुधवार को जिला अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्वाइन करने के बाद जो चिकित्सक लौटकर अस्पताल नहीं आए उन्हें हटाने के लिए सरकार आगे बढ़ी है। चिकित्सकों के रिक्त पद भरने के लिए लोक सेवा आयोग से दो हजार डाक्टर मिले हैं। 1800 की काउंसिलिंग करा ली गई है। जल्दी ही ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात हो जाएंगे।
रेडियोलाजिस्ट के काफी पद खाली होने से अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में जिला स्वास्थ्य समिति को मानदेय के आधार पर बाहर से रेडियोलाजिस्ट तैनात करने का अधिकार दिया गया है।
लोग स्वस्थ रहें, इसके लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला हर रविवार को लगाया जा रहा। इसमें दवा व जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सिखाया जाएगा। यहां भी जांच की सुविधा होगी। आउटसोर्सिंग से भर्ती स्वास्थ्यकर्मियों को नेशनल हेल्थ मिशन के तहत अनुभव के आधार पर समायोजित किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह बुधवार को औचक निरीक्षण करने बस्ती के जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने यहां व्यवस्था जांची। अस्पताल में गंदगी देखकर नाराजगी जताई और प्रमुख अधीक्षक को व्यवस्था में सुधार लाने की नसीहत दी।
स्वास्थ्य मंत्री सबसे पहले ब्लडबैंक पहुंचे। उन्होंने एकत्र ब्लड की जानकारी ली। पैथालाजी में जांच की सुविधा से रुबरू हुए। एक्स-रे की जानकारी ली।
अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला लगा था, इस पर एसआइसी से पूछताछ की, पता चला कि रेडियोलाजिस्ट छुट्टी पर हैं। इसलिए ताला लगा है। इसके बाद मंत्री इमरजेंसी वार्ड और ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। मरीजों से सुविधाओं की जानाकारी ली। (एनआरसी) पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों का हाल जाना।
शनिवार को भर्ती हुई रेनू का वजन, खानपान और रसोई की व्यवस्था जांची। पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में गंदगी देखकर नाराजगी जताई। साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने और आने वाले मरीजों को बेहतर सेवा देने के लिए प्रमुख अधीक्षक डा. ओपी सिंह को निर्देश दिए।
मंत्री ने बताया कि इमरजेंसी मेडिकल अफसर की पोस्टिंग नहीं हुई है, इसे प्राथमिकता में रखते हुए पोस्टिंग कराई जाएगी। एसआइसी व प्रभारी सीएमओ डा. फखरेयार से पूरी रिपोर्ट तलब की है। बाहर प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों पर नजर रखने के लिए सीएमओ को निर्देशित किया। इस दौरान डा. बीके मिश्र, डा. रामजी सोनी, डा. अरुण कुमार चौधरी, अजय सिंह गौतम, अखंड सिंह आदि मौजूद रहे।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। एहतियातन सिद्धार्थनगर के नेपाल बार्डर सोनौली, ककरहवा, बढऩी पर कड़ी निगरानी है। अब तक 11 लाख विदेशियों की स्क्रीङ्क्षनग कराई गई है। ब्लड सैंपल लिए गए, जिसमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया।
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