प्रदेश सरकार चकबंदी के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत चकबंदी की प्रक्रिया में जमीन का मूल्य उस जमीन के सर्किल रेट से तय होगा। वर्तमान में जमीन के उपजाऊपन आदि के आधार पर जमीन का मूल्य तय होता है। इसमें अक्सर ही मनमानी और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती हैं।
चकबंदी के नियमों को इस तरह तैयार करने के प्रयास हो रहे हैं कि कर्मचारियों व अधिकारियों के विवेक पर जमीन का मूल्य न रहे। साथ ही आम किसान खुद ही यह आकलन कर सकें कि उनकी वर्तमान स्थान पर स्थित जमीनों का मूल्य क्या है और एक जगह पर इकट्ठा की जा रही जमीन का मूल्य क्या है। दोनों स्थानों की जमीन के मूल्य में अंतर होने पर वे इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं।
हर जिले में सड़क सुविधा के आधार पर जमीनों के सर्किट रेट तय किए जाते हैं। चकबंदी विभाग अपनी नियमावली में सर्किल रेट की व्यवस्था को स्थान देगा। इससे किसानों को यह शिकायतें नहीं रहेंगी कि उनकी सड़क किनारे की कीमती जमीन के एवज में अपेक्षाकृत कम मूल्य की जमीन दे दी गई। चकबंदी आयुक्त हृषिकेश भास्कर याशोद ने बताया कि प्रदेश में यह व्यवस्था जल्द ही लागू करने की तैयारी चल रही है।
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