यूपी के बहराइच में भारी बारिश को देखते हुए आज यानी मंगलवार को कक्षा एक से लेकर आठ तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष सिंह ने सभी स्कूलों को इस पर अमल करने के निर्देश जारी किए हैं।
लाल निशान पार सरयू, 13 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
नेपाल व तराई के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश का असर अब दिखने लगा है। जिले में सरयू नदी उफान पर है, एल्गिन ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। बीती रात चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी बैराज से सरयू नदी में छोड़े गए 1.70 लाख क्यूसेक पानी और अन्य बैराजों से कुल मिलाकर छोड़े गए 3.10 लाख क्यूसेक पानी ने जिले के तटीय गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा कर दिया है।
मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के करीब 13 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। इनमें जंगल गुलरिया ग्राम पंचायत के संपत पुरवा, धर्मपुर रेतिया, रामपुर रेतिया और सुजौली ग्राम पंचायत के खैरीपुरवा, टिलवा व श्रीराम पुरवा गांवों में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर हो गई है।
गावों में तेजी से घुस रहा बाढ़ का पानी
इसी तरह सुजौली के दिलवा, मुजवा व खैरीपुरवा में तेजी से बाढ़ का पानी घुस रहा है। ऐसे ही महसी के पूरे प्रसाद व जानकीनगर में लोगों के घरों में पानी घुस चुका है, जबकि दलकारा गांव की ओर बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रातभर पानी खेतों में भरता रहा और सुबह होते-होते लोगों को अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर जाना पड़ा। ग्रामीण अपने साथ जरूरी सामान, मवेशी और बच्चों को लेकर अस्थायी ठिकानों की ओर निकल चुके हैं। बाढ़ के पानी की तेज रफ्तार ने गांवों में अफरा-तफरी मचा दी है।
कैसरगंज और महसी तहसील क्षेत्र के कई गांवों में भी सरयू नदी का पानी तेजी से फैल रहा है। खेतों में पानी भरने लगा है और ग्रामीणों के चेहरों पर डर साफ देखा जा सकता है। यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो ये क्षेत्र भी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
प्रशासन ने किए दावे, पर अब तक मदद नहीं पहुंची
बाढ़ की सूचना मिलते ही एसडीएम मिहींपुरवा प्रकाश सिंह ने मौके पर पहुंचने और रेस्क्यू टीम भेजने की बात कही है। प्रशासनिक टीम ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण शुरू कर दिया है और दावा किया है कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभी तक किसी तरह की मदद उन्हें नहीं मिल पाई है। हालात खुद संभालने पड़ रहे हैं। बढ़ते जलस्तर और ग्रामीणों के पलायन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। यदि प्रशासन समय रहते प्रभावी राहत कार्य नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में यह बाढ़ जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर सकती है।