उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए 5352 नियमित विशेष शिक्षकों को रखा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। बेसिक में लगभग 80 हजार दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सात मार्च को रजनीश कुमार पांडेय व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य मामले में दिए गए आदेश के बाद माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार शासन को 9 सितंबर को इस मामले में एफिडेविट देना है।
बच्चों में सीखने, बोलने, व्यवहार से संबंधित होती है समस्या
इसी क्रम में पहले माध्यमिक में 47 और अब बेसिक में 5352 विशेष शिक्षक रखने का निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति हुई है। अब आवश्यकता के अनुसार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी। विशेष श्रेणी के बच्चों में सीखने, बोलने, व्यवहार से संबंधित समस्या रहती है। इन्हें पढ़ाने के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त विशेष शिक्षक होते हैं।
अभी संविदा शिक्षकों के माध्यम से हो रही पढ़ाई
वर्तमान में एक निर्धारित मानदेय पर विशेष शिक्षकों से काम लिया जा रहा है। इसके लिए 2200 से अधिक संविदा शिक्षक तैनात हैं। जबकि अब इन पदों पर नियमित नियुक्ति की जाएगी। विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसके लिए भेजे गए प्रस्ताव को उच्च स्तर पर मंजूरी मिल गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में दो सितंबर को कैबिनेट की बैठक में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 47 विशेष शिक्षकों को रखने का निर्णय किया गया था। यह वर्तमान पदों में से ही बदलने की अनुमति दी गई थी।
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