प्रयागराज जिले के 7008 किसानों की फसलें बाढ़ में बह गईं। सोरांव, बारा, मेजा व फूलपुर तहसील में 1797.25 हेक्टेयर भूमि पर दो करोड़ 17 लाख सात हजार 640 रुपये मूल्य की फसलों के नुकसान का आकलन किया गया है। किसानों को आपदा मद से 2.17 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
वहीं, इस साल अप्रैल से 20 सितंबर के बीच आपदा से 125 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जिसके लिए 5.60 करोड़ रुपये आपदा मद से सहयोग राशि के रूप में दिए जाएंगे। वहीं, पशुहानि के 43 मामलों में 10 लाख आठ हजार 500 रुपये और मकान क्षति के 350 मामलों में 14 लाख 17 हजार रुपये सहयोग राशि के रूप में वितरित किए जाएंगे।
जहां तक बाढ़ में फसल हानि की बात है तो फूलपुर के सर्वाधिक 20 गांवों में 1115 किसानों को 363.717 हेक्टेयर भूमि पर 30,91,588 रुपये के मूल्य की फसलों का नुकसान हुआ है। वहीं, सोरांव के 19 गांवों में सर्वाधिक 4986 किसानाें को 856.9990 हेक्टेयर भूमि पर 72,84,492 रुपये, बारा के नौ गांवों में 236 किसानों को 105.621 हेक्टेयर भूमि पर 32,21,000 और मेजा के एक गांव में 251 किसानों को 306.80 हेक्टेयर भूमि पर 61,36,300 रुपये की फसल का नुकसान हुआ है।
डूबकर जनहानि के सर्वाधिक 88 मामले
डूबकर जनहानि के सर्वाधिक 88 मामले हैं जिनके के लिए सर्वाधिक 3.44 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, अग्निकांड में जनहानि के दो मामलों में आठ लाख, अतिवृष्टि के तीन मामलों में 12 लाख, बिजली गिरने के 17 मामलों में 68 लाख, सर्पदंश के 23 मामलों में 92 लाख, आंधी-तूफान के सात मामलों में 28 लाख और सांड़ के हमले में जनहानि के दो मामलों में आठ लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
पशुहानि के 43 मामलों में दिए जाएंगे 43 लाख
आपदा में पशुहानि के 43 मामलों में 10,05,500 रुपये की सहयोग राशि दी जाएगी। पशुहानि के सर्वाधिक 30 मामले अग्निकांड, सात बिजली गिरने, पांच सर्पदंश व एक आंधी-तूफान से संबंधित है।