उत्तर प्रदेश में मारे गए आठ पुलिसकर्मियों के मामले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को घेर है।
चिदंबरम ने इस मामले को पहले से तय मामला बताते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने खतरनाक अपराधी के घर सूरज ढलने के बाद जाने का फैसला क्यों किया।
पी चिदंबरम ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ये विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि प्रशिक्षित पुलिस टीम सूर्यास्त के बाद एक कुख्तात अपराधी के इलाके में जाने का फैसला करेगी।
इस त्रासदी का पहले से आभास था। हादसे में मरने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार वालों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
पी चिदंबरम ने एक और ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश अब हर मायने में पिछड़ता जा रहा है, उत्तर प्रदेश की सरकार को शर्म से सर झुका लेने चाहिए।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने 30 साल पहले 1985-89 तक सत्ता संभाली थी। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर आरोप नहीं लगा सकती और सोच रही है कि किसे दोषी ठहराया जाए।
पुलिस के महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि वहां जानबूझकर जेसीबी मशीन लगाई गई थी ताकि उनका रास्ता रोका जा सके और अंधेरे में हमला करने की योजना बनाई गई थी। नियोजित षडयंत्र के साथ ही इस घटना को अंजाम दिया जा सकता था।
इस मामले पर विपक्ष की तरफ से योगी सरकार को लपेटे में लिया जा रहा है और हर मोर्चे पर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना हो रही है।
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश को हत्या प्रदेश बताया है। उत्तर प्रदेश की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में अपराधी बिना किसी डर के रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी से लेकर पुलिस वाले तक कोई सुरक्षित नहीं है।
वहीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस हादसे को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। नाम ना बताने की शर्त पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि पुलिस की टीम पर तीन तरफ से हमला हुआ था।