उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) की पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 शुक्रवार को पूरी हो गई है। शनिवार सात जुलाई को सामान्य हिंदी व निबंध की पुनर्परीक्षा हो रही है। प्रतियोगियों ने इस समय इम्तिहान का विरोध जताया था, जिसका असर परीक्षा में दिखा। पीसीएस मेंस के इतिहास में पहली बार बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने इम्तिहान किनारा किया है। पहले दिन से परीक्षा छोडऩे का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अंतिम दिन तक कायम रहा। प्रतियोगियों ने यूपी पीएससी की जगह अन्य परीक्षाओं को महत्व दिया। इसकी वजह यह है कि यहां लगभग हर परीक्षा विवादों के घेरे में है। मेंस 2017 में भी प्रश्नपत्र बदलने का विवाद जुड़ गया। 
यूपी पीएससी की पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षाएं 18 जून से शुरू हुई। इलाहाबाद और लखनऊ में बने 28 केंद्रों में दोनों पालियों में पहले दिन अनिवार्य विषय सामान्य अध्ययन की परीक्षा हुई, जिसमें कुल पंजीकृत 13663 के सापेक्ष 12281 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। 1383 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। पूरी परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के गैरहाजिर रहने का कारण इसी समय अन्य राज्यों में अहम परीक्षाएं होना रहा है। यही नहीं पहले दिन ही इलाहाबाद केंद्र से एक छात्र ओएमआर शीट लेकर भाग गया था, जिसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई। परीक्षा के दूसरे दिन ही इलाहाबाद के राजकीय इंटर कालेज में दूसरी पाली का प्रश्नपत्र पहली पाली में बांट दिया गया। इस मामले में पहली बार आयोग ने अपने अफसर व कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई। प्रतियोगियों ने जमकर हंगामा किया। हालांकि बाकी 13 दिनों की परीक्षा शांतिपूर्वक हुई। शुक्रवार को आखिरी दिन सिविल इंजीनियरिंग में पंजीकृत 14 के सापेक्ष 13, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 28 के सापेक्ष 21, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 15 के सापेक्ष 12 और एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में चार की जगह दो अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे।
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