मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहली बार यूपी का बजट 5 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है। प्रदेश सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जिस तरह तैयारी कर रही है, इसका आंकड़ा 5.25 लाख करोड़ से भी अधिक का हो सकता है।
नए बजट का जोर लंबी-चौड़ी भारी-भरकम आकार वाली नई-नई लोकलुभावन योजनाओं की जगह चालू योजनाओं व समय-समय पर मुख्यमंत्री व मंत्रियों की ओर से की गई घोषणाओं को तय समयसीमा में पूरा करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराने पर होगा।
इस बीच, सोमवार को विधानमंडल का बजट सत्र तय हो गया है। बजट सत्र 13 फरवरी से बुलाया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने बताया कि बजट 17 फरवरी को पेश किया जाएगा। यह योगी सरकार का चौथा बजट होगा।
– धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडा पूरी ताकत के साथ बढ़ेगा। अयोध्या में श्रीराम की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित करने के साथ आस पास के क्षेत्र को पर्यटन व आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
– प्रत्येक विस क्षेत्र में एक-एक पर्यटन स्थल के विकास के लिए 50-50 लाख रुपये खर्च करने की योजना है।
– आयुष विवि, अटल चिकित्सा विवि, पुलिस एवं विधि विज्ञान विवि, कौश्ाल विकास विवि के अलावा सहारनपुर, अलीगढ़ आजमगढ़ में राज्य विवि का काम बढ़ाने के लिए बजट की व्यवस्था संभव।
– सीएम कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में करीब 10 करोड़ किसानों के लिए दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा या मदद बजट का बड़ा आकर्षण होगी।
ऐसा रहा था पिछला बजट
पिछला बजट 4.79 लाख करोड़ रुपये का था।
पहला अनुपूरक बजट 13.5 हजार करोड़ रुपये का था।
दूसरा अनुपूरक– 4210 करोड़
यानी… वित्त वर्ष 2019-20 में प्रदेश का कुल बजट 4.97 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।