हथियारों और गोला-बारूद की कमी से यूक्रेनी सेना अब अपनी धरती गंवा रही है और सैनिक मारे जा रहे हैं। रूस के साथ युद्ध में यह यूक्रेनी सेना की ताजा तस्वीर है। इसकी जानकारी देते हुए यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने पश्चिमी देशों से अविलंब सैन्य सहायता भेजने का अनुरोध किया है।
पश्चिमी देशों की सहायता पर निर्भर यूक्रेन
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस पर यूक्रेन की विजय पश्चिमी देशों की सहायता पर निर्भर है। लंबी दूरी की मिसाइलों की यूक्रेन की मांग पूरी होने को लेकर वह आशान्वित हैं। उमेरोव ने कहा, पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता की आमद में विलंब होने का खामियाजा यूक्रेन युद्ध के मैदान में उठा रहा है। इससे हाल के दिनों में यूक्रेनी सेना का नुकसान बढ़ा है। युद्ध के मैदान की स्थिति तेजी से बदल रही है।
उल्लेखनीय है कि महीनों की लड़ाई के बाद हाल ही में यूक्रेन का रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अव्दीविका शहर रूसी सेना के कब्जे में चला गया है। उमेरोव का यह बयान तब आया है जब यूक्रेन युद्ध के दो वर्ष पूरे होने पर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उसके साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।
उमेरोव के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद यूक्रेन के उद्योग मंत्री ओलेक्जेंडर कमिशिन ने बताया कि देश के रक्षा कारखानों ने बीते वर्ष में तीन गुना ज्यादा उत्पादन किया है लेकिन वह युद्ध मैदान की गोला-बारूद की मांग को देखते हुए नाकाफी है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने बताया है कि वर्ष 2024 के खर्चों के लिए यूक्रेन ने अमेरिका से 11.8 अरब डालर धनराशि की अपेक्षा की है।
पोलैंड ने नष्ट किया 160 टन यूक्रेनी अनाज
यूक्रेन के सस्ते खाद्यान्न से पड़ोसी देशों को मुश्किल हो रही है। रूस के हमले के बाद पोलैंड और कुछ अन्य नाटो के सदस्य देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं लेकिन उससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। पोलैंड में यूक्रेन के सस्ते अनाज से वहां के किसानों के उत्पाद की बिक्री में कमी आई है। इससे वहां पर यूक्रेन का विरोध बढ़ रहा है और देश की घरेलू राजनीति प्रभावित हो रही है। इसके चलते यूक्रेन से अवैध रूप से लाया गया 160 टन खाद्यान्न हाल ही में पोलैंड के सीमावर्ती रेलवे स्टेशन पर नष्ट किया गया। यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओलेक्जेंडर कुब्राकोव ने इसे पोलैंड की निंदनीय और गैरजिम्मेदाराना हरकत बताया है।