बीपीएल कार्डधारक या किसी सरकारी योजना के दायरे में नहीं आने वाले ऐसे कई लोग हैं जो माली हालत ठीक नहीं होने से इलाज नहीं करवा पाते हैं। ऐसे जरूरतमंदों के लिए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से हटकर इंदौर जिला प्रशासन योजना तैयार कर रहा है। शहर में 240 नर्सिंग होम और छोटे निजी अस्पताल हैं। हर महीने सौ में एक-एक मरीज का मुफ्त इलाज किया जा सका तो साल भर में 1200 जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा।
इलाज सामाजिक योगदान के रूप में किया जाएगा। योजना का खाका तैयार है और नर्सिंग होम एसोसिएशन सैद्धांतिक मंजूरी भी दे चुका है। योजना का नाम है ‘आवाहन’ (एक्शन टू असिस्ट एंड वॉलेंटियर थ्रो एड टू हेल्प एंड एडॉप्ट नीडी)। इसके लिए पोर्टल बनाकर अस्पतालों में बीमारियों के इलाज से जुड़ी जानकारी भी तैयार की जा रही है। दरअसल, बीपीएल कार्ड धारकों के लिए राज्य व केंद्र दोनों ही स्तरों पर कई योजनाएं हैं, उन मरीजों को किसी न किसी मद में मदद मिल जाती है। कुछ मरीजों को रेडक्रॉस सोसायटी मदद कर देती है, बावजूद इसके जरूरतमंदों की संख्या बहुत है। उनकी फाइलें कलेक्टोरेट में आती है लेकिन मदद नहीं मिल पाती हैं।
मरीजों को इस योजना में लाभ देने के लिए दो तरह की अनिवार्यता तय की गई है। मरीज बीपीएल कार्ड धारक और करदाता नहीं होता चाहिए। मरीजों से इस योजना के आवेदन जमा करवाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की व्यवस्था होगी। अस्पतालों को श्रेणीबद्ध किया जा रहा है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि किस मरीज को किस अस्पताल में सुविधा दी जा सकती है।
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया ने बताया कि किन अस्पतालों में किस तरह के मरीजों का इलाज होगा और क्या-क्या सेवाएं पूरी तरह निशुल्क होंगी, इसे लेकर डॉक्टरों, अस्पताल संचालकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नौ फरवरी को बैठक रखी गई है। दरअसल, अस्पताल में भर्ती मरीज को जांच, दवाइयों, उपकरणों आदि की जरूरत होती है। अस्पताल भले ही नर्सिंग चार्ज, बेड चार्ज न ले लेकिन बाकी सेवाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट करना बाकी है। खर्च की सीमा और श्रेणी तय करने के बाद योजना में लाभ देना शुरू कर देंगे।
सरकारी योजनाओं से हटकर जिला स्तर पर हम अपनी योजना ‘आवाहन’ तैयार कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाएगी। नर्सिंग होम संचालकों की मंजूरी भी मिल चुकी है। सारे पक्षों पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद लाभ देंगे।
लोकेश कुमार जाटव, कलेक्टर
मरीजों के हित में करेंगे काम