यहाँ जानिए कब है परिवर्तिनी एकादशी?, यह है पूजा विधि

परिवर्तिनी एकादशी आने में कुछ ही दिन बचे हैं. जी दरअसल इस बार परिवर्तिनी एकादशी का पर्व 29 अगस्त को मनाया जाने वाला है. इस दिन शनिवार है. जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं. इस कारण से इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते है. आप सभी को बता दें कि इस दिन सुबह के समय स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करना चाहिए.

उसके बाद पीले वस्त्र धारण करना चाहिए. फिर भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद आप श्री हरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित कर दे. अब आप गणेश जी का भी पूजन करें. उन्हें मोदक और दूर्वा अर्पित करें. इस दौरान पहले गणेश जी और उसके बाद श्री हरि के मन्त्रों का जाप करे. मन्त्र जाप के बाद किसी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न-वस्त्र का, या जूते छाते का दान करें. जी दरअसल कहा जाता है इस दिन अन्न का सेवन नहीं किया जाता है, जलाहार या फलाहार ही ग्रहण करें. ऐसा करने से आपको श्री हरी की भी कृपा मिलेगी और गणपति बप्पा की भी.

इस दिन आप संतान प्राप्ति के लिए गणपति स्तोत्र का पाठ करें या “ॐ उमापुत्राय नमः” का जप करें. इसके अलावा अगर आपको आर्थिक लाभ चाहिए तो इसके लिए भगवान गणेश को एक मिट्टी या धातु का चूहा अर्पित करें. अब इसके बाद उन्हें पीले फूल और पीला प्रसाद अर्पित करें. “ॐ श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये नमः” का 108 बार जप करें. अब अंत में चूहे को अपने धन स्थान पर रखें. इससे घर में पैसा ही पैसा होगा. अगर आप व्यापार में सफलता चाहते हैं तो हल्दी से गणेश जी बनाएं और इन्हें मोदक , दूर्वा और बेलपत्र अर्पित करें. अब आप गणेश जी को व्यापार के स्थान पर स्थापित कर दें.

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