भारत ने सोमवार को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट और देश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने पर गहरी चिंता व्यक्त किया है। साथ ही कहा है कि वह हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के पक्ष में रहा है और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा कि म्यांमार का घटनाक्रम चिंताजनक है। हमारा मानना है कि कानून का शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखना चाहिए। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
म्यांमार की सेना ने सोमवार को तख्तापलट किया और देश की शीर्ष नेता आंग सान सू की को हिरासत में लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, म्यांमार के सैन्य-स्वामित्व वाले म्यावाडी टीवी पर एक एनाउंसर ने सोमवार सुबह घोषणा की कि सेना ने एक साल के लिए देश पर नियंत्रण कर लिया है। गवर्नर नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता के हवाले से इसकी जानकारी दी गई कि म्यांमार की नेता सू की और सत्ता पक्ष के अन्य वरिष्ठ लोगों को आज सुबह हिरासत में लिया गया।
देश की सत्ता कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज मिन आंग ह्लाइंग को सौंप दिया गया है, जबकि म्यांमार के पहले उपराष्ट्रपति म्यांत स्वे देश के कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। राजधानी नेपीटाव और कुछ अन्य क्षेत्रों और राज्यों की दूरसंचार काट दी गई है।