मौत के 80 साल बाद भी रूस के बौद्ध भिक्षु का शरीर अभी भी जीवित व्यक्ति जैसा ही बना हुआ है। दाशी दोरजो इतिजेलोव की 1927 में मौत हुई थी। उनके शरीर को सुरक्षित रखने के लिए केमिकल लगाकर ममी भी नहीं बनाई गई थी। बावजूद इसके उनके शव को देखकर लगता है कि वह किसी जीवित इंसान का हो। त्वचा से लेकर बाल और नाखून तक सब जिंदा इंसान जैसे हैं।
बताते हैं कि वह अपने अनुयाइयों के लिए एक नोट लिखकर गए थे। इसमें उन्होंने अपनी डेडबॉडी को कब्र से निकालने की तारीख लिखी थी। भिक्षु की बताई तारीख के मुताबिक मौत के 48 साल बाद 1955 में उनका शव कब्र से निकाला गया। तब भी उनकी बॉडी को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इसके बाद साल 1973 में और फिर साल 2002 में उनका शव बाहर निकाला गया, लेकिन उनके शरीर को कोई नुकसान नहीं हुआ।
जब वैज्ञानिकों को इसके बारे में शोध करने के लिए बुलाया गया, तो वो भी इसे देखकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि बॉडी को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे उसे बहुत अच्छे से प्रिजर्व कर रखा गया हो। ऐसा लगता है कि उनकी मौत 36 घंटे पहले मौत हुई हो। फेडरल सेंटर ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर विक्टर ने कहा कि सालों की प्रैक्टिस में उन्होंने बिना प्रिजर्व किए कभी ऐसी बॉडी नहीं देखी।
बौद्ध भिक्षु का यह चमत्कारिक शव बुरतिया के इवोल्गिन बौद्ध मॉनेस्ट्री में रखा गया है। ये बौद्ध भिक्षुओं के लिए पवित्रता का प्रतीक बनी हुई है। बौद्ध भिक्षु के जोड़ों में कड़कपन नहीं आया था। साथ ही हाथों और पैरों की कोशिकाएं भी जिंदा इंसान की तरह लचीली थीं। साथ ही शरीर से कोई खूशबू आ रही थी।
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