सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की वैधता को लेकर बड़ा फैसला दिया है। SC ने कहा कि, आधार आम लोगों की पहचान बन चुका है। देश के 122 करोड़ लोगों के पास आधार है। देश के 99.76 फीसद लोगों को आधार कार्ड से फायदा हो रहा है, इससे दबे-कुचले लोगों को भी फायदा हो रहा है। लोगों को इससे होने वाले सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट 57 को समाप्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, ‘आधार नामांकन के लिए UIDAI द्वारा नागरिकों के न्यूनतम जनसांख्यिकीय (जनसंख्या संबंधी) और बॉयोमीट्रिक डाटा एकत्र किए जाते हैं। किसी व्यक्ति को दिया गया आधार संख्या यूनिक है और किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जा सकता।‘
मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार नही जरूरी
टेलिकॉम कंपनियां नए मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार कार्ड की मांग नहीं कर सकती है। इससे पहले टेलिकॉम कंपनियां नए मोबाइल कनेक्शन के लिए यूजर्स के आधार कार्ड मांगती थी। पैन कार्ड, यूजीसी, सीबीएसई एग्जाम के लिए 12-डिजिट का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। बैंक अकाउंट के लिए भी आधार कि अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
डाटा सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार उठाए कड़े कदम
सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर केन्द्र सरकार को दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि डाटा सुरक्षा के लिए कड़े नियम जल्द से जल्द बनाना चाहिए। आधार एक अलग तरह का आईडी प्रुफ है जिसे डुप्लीकेट नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी घुसपैठिये का आधार कार्ड नहीं बनना चाहिए। आधार कार्ड का डाटा अगर कोई एजेंसी इस्तेमाल कर रही है तो उसे यह नागरिकों को बताना होगा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल कहां किया गया है।
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