मोदी सरकार दुनिया के किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को लोकसभा में कहा कि कोरोनावायरस का फैलना गंभीर चिंता का विषय है तथा हम जिम्मेदारीपूर्वक इस पर प्रतिक्रिया दे रहे है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार ईरान, इटली समेत दुनिया के किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

लोकसभा में कोरोनावायरस के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिए गए बयान में जयशंकर ने कहा कि इटली में फंसे भारतीयों की मदद के लिए चिकित्सा दल भेजा गया है और जो जांच में नकारात्मक पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की अनुमति होगी। वहां नोडल आफिस स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ईरान में 6000 भारतीय फंसे हैं जिनमें महाराष्ट्र के 1100 तीर्थयात्री और जम्मू कश्मीर के 300 छात्र शामिल हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक जोर तीर्थयात्रियों को वापस लाने का है जिनमें अधिकतर ईरान के कोम में फंसे हैं। उन्होंने कहा कि ईरान में फंसे भारतीयों में से 529 के नमूनों में 229 जांच में नकारात्मक पाए गए हैं।

जयशंकर ने बताया कि ईरान में 1000 भारतीय मछुआरे फंसे हुए हैं और इनमें से कोई भी कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान में व्यवस्था गंभीर दबाव में है और इसलिए हमें वहां मेडिकल टीम भेजनी पड़ी और बाद में क्लीनिक स्थापित करना पड़ा।

विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान से 58 लोगों को लाया गया है और जल्द ही 200 अन्य लोगों को वापस लाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि दुनिया के करीब 90 देशों में कोरोनावायरस फैलने की खबर आई है और सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि एक मंत्रिसमूह सतत रूप से देश में वैश्विक कोरोनावायरस की स्थिति पर निगरानी रख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

देश में कोरोनावायरस से संक्रमितों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी है कि ईरान में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए अगले तीन दिनों के भीतर तीन विमान वहां भेजे जाएंगे।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी ने जानकारी दी है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की निकासी योजना के अनुसार, ईरान से भारतीयों को निकालने के लिए विशेष उड़ानें संचालित होंगी। जिनमें पहली उड़ान 13 मार्च को मुंबई से, दोपहर 12:30 बजे और दूसरी उड़ान 15 मार्च को दिल्ली से, 1:40 बजे रवाना होगी।

जयशंकर ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने कुछ मामलों में ई-वीजा एवं आगमन पर वीजा आदि को स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को 14 दिनों की न्यूनतम अवधि तक अलग रखा जाएगा।

जयशंकर ने कहा कि कोरोनावायरस का फैलना चिंता का विषय है और हम जिम्मेदारीपूर्वक इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और सरकार दुनिया के किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इटली सहित यूरोप में उभरती स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति की स्वदेश वापसी के लिए संक्रमण मुक्त होने के प्रमाणपत्र की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है।

जयशंकर ने कहा कि कोरानावायरस को फैलने से रोकने के लिए और अधिक सख्त उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी (उपाय) जरूरी है, वह कर रहे हैं । जयशंकर ने बताया कि ईरान के तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और बांदर अब्बास स्थित वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी वहां बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में अनवरत काम कर रहे हैं।

उन्होंने हाल ही में अपनी जम्मू कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मैं श्रीनगर में उन छात्रों के अभिभावकों से मिला जो ईरान में हैं। अभिभावकों की चिंताओं को समझते हुए मैने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके बच्चों और उन सभी लोगों को भारत वापस लाने के लिए यथासंभव सुविधा प्रदान करेगी जो भारत वापस आना चाहते हैं।

उन्होंने ईरान में फंसे भारतीय मछुआरों की वापसी को लेकर विभिन्न सदस्यों की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि बांदर अब्बास स्थित भारत का वाणिज्य दूतावास दक्षिणी ईरान के असालूयेह, चिरुयेह और किश शहरों में मौजूद भारतीय मछुआरों के संपर्क में है।

उपलब्ध जानकारी के आधार पर जयशंकर ने बताया कि सभी भारतीय मछुआरे स्वस्थ हैं और उन्हें खाद्य सामग्री सहित अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

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