राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सोमवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला।
पायलट ने कहा कि जब देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है तो केंद्र ने लोगों को मुश्किलों में डाल दिया है। किसी भी सरकार ने अपने लोगों पर इतनी कड़ी चोट नहीं की है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने उस समय ईंधन की कीमतों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करके आम जनता पर बोझ डाला है, जब देश पहले से ही कोरोना के संकट से जूझ रहा है।
वे केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों मे निरंतर की जा रही अप्रत्याशित वृद्धि के विरोध में कांग्रेस द्वारा आयोजित धरने को संबोधित कर रहे थे।
पायलट ने कहा कि पिछले 70 साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में यह अभूतपूर्व बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण पूरी दुनिया में ईंधन की मांग कम हो गई है।
केंद्र के पास ईंधन का पूरा भंडार है, इसके बावजूद सरकार ने पिछले 20 दिन से लगातार कीमत बढ़ाकर आम लोगों की पीठ पर बोझ डाला है।
पायलट ने कहा कि हालिया बढ़ोतरी से गरीब और मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसी स्थिति किसी भी देश में नहीं देखी गई है। सभी देश कोरोना वायरस महामारी के इस संकट में अपने लोगों की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के इस संकट के समय में भी पिछले तीन महीनों के दौरान केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों तथा उस पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में निरंतर वृद्धि करके जनता पर अनावश्यक बोझ डालने का कार्य किया है, जिससे आमजन में रोष और असंतोष व्याप्त है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सरकार जनता की आवाज को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को वापस लेना होगा। विरोध प्रदर्शन के बाद पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा।