आजाद ¨हद फौज के संस्थापक और महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में केंद्र सरकार ने उनके नाम पर देश के एक हजार से ज्यादा आवासीय स्कूलों और छात्रावासों के नामकरण का फैसला लिया है। यह स्कूल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों और सुदूर क्षेत्रों में स्थित हंै। फिलहाल इन स्कूलों का संचालन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जाता है। इससे पहले भी शिक्षा मंत्रालय ने देश के पांच विश्वविद्यालयों में उनके नाम पर पीठ स्थापित करने का फैसला लिया है।
शिक्षा मंत्रालय का एलान: 383 आवासीय विद्यालय, 680 छात्रावासोंं का नाम नेताजी के नाम पर होगा
शिक्षा मंत्रालय ने यह फैसला तब लिया है, जब नेताजी के 125वें जन्मदिन को सरकार ने साल भर मनाने का फैसला लिया है। साथ ही इसे लेकर प्रधानमंत्री की अगुआई में एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की है। इसके साथ सभी मंत्रालयों को उनके सम्मान में कुछ नया करने के लिए भी कहा है। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों में बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए बनाए गए स्कूलों को नाम उनके नेताजी के नाम पर करने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि इन एक हजार से ज्यादा स्कूलों और छात्रावासों में से 383 आवासीय विद्यालय हैं और 680 छात्रावास हैं। इनमें से सबसे अधिक 155 स्कूल अरुणाचल प्रदेश के हैं।
स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने का काम तेजी से होगा
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने का भी काम तेजी से किया जाएगा। जिन स्कूलों और छात्रावासों का नाम नेताजी के नाम पर रखने के लिए चिन्हित किया गया है, वह देश के 26 राज्यों और संघ शासित राज्यों में मौजूद है। इस दौरान अकेले मध्य प्रदेश के 390 छात्रावासों को इसके लिए चुना गया है। वही छत्तीसगढ़ के भी 67 स्कूलों और 39 छात्रावासों को इसके लिए चुना गया है। इसके साथ ही झारखंड, तेलंगाना आदि के स्कूलों और छात्रावासों को इसके लिए चुना गया है।