आयोग ने मोदी के महाराष्ट्र के वर्धा में एक अप्रैल को दिए भाषण के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत पर जांच की। आयोग को इसमें आचार संहिता उल्लंघन जैसा कुछ भी नहीं मिला। आयोग के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। विपक्षी पार्टी का कहना है कि देश में दो तरह के कानून नहीं हो सकते हैं।