अमेठी में हारने के बाद भी स्मृति ईरानी को मंत्री पद दिया गया था. जब जयाप्रदा से पूछा गया कि क्या वे भी मंत्री पद चाहती हैं तो उन्होंने इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ये किसी भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना होता है कि वो अपने कार्यकर्ता को क्या जिम्मेदारी देना चाहते हैं. उन्होंने कहा, जब मैं समाजवादी पार्टी में थी तब भी मैंने यही कहा था कि मैं केवल जनता की सेवा करना चाहती हूं लेकिन जब मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा गया तो मैंने उनकी बात मानी. बीजेपी में मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा मैं उसका पालन करूंगी.