मेघालय के जंगल में गूंजती है अजीबो-गरीब आवाजें, ये है इनके पीछे का राज

उत्‍तर पूर्व का एक राज्‍य मेघालय अपनी खूबसूरती के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां का एक बड़ा हिस्‍सा वन से भरा हुआ है। ऐसे ही जंगल से घिरा एक गांव है कोंगथोंग। यहां की सबसे खास बात ये है कि यहां के जंगल में दिन में भी अजीबो-गरीब आवाजें आती रहती हैं। यह आवाज न तो किसी जंगली जानवर ही हैं न ही किसी पक्षी की। मेघालय के सुदूर इस इलाके में बाहर से आने वालों के लिए यह किसी पहेली से कम नहीं है। लेकिन इस पहेली की बड़ी दिलचस्‍प कहानी भी है। इसी कारण इस गांव को व्हिसलिंग विलेज  भी  कहा जाता है। 

सच जानकर होगी हैरानी 
आपको इन आवाजों के पीछे सुनकर हैरानी जरूर होगी। दरअसल, यहां के जंगल में गूंजने वाली आवाजों के पीछे वह राज है जिसपर आप शायद यकीन भी न करें। आपको बता दें कि यहां पर रहने वाले स्‍थानीय लोग इस तरह की अजीबो-गरीब आवाज का इस्‍तेमाल दूर मौजूद अपने किसी भी साथी, परिजन आदि से बात करने के लिए करते हैं। यह सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यही सच है। कोंगथोंग में रहने वाले लगभग हर व्‍यक्ति को इस तरह की भाषा का ज्ञान है। यह अपनों से इसी भाषा में बात भी करते हैं। यह आवाजें किसी पक्षी की तरह नहीं होती हैं बल्कि यह सुनने में एक धुन या सीटी की तरह लगती हैं। इन आवाजों के पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्‍प है। दरअसल, इस तरह की आवाजें ज्‍यादा तेजी और ज्‍यादा दूर तक जाती हैं। इसकी दूसरी वजह ये भी है कि सबसे अलग होने की वजह से यह आसानी से इनके परिजन या जानने वाले पहचान लेते हैं और फिर उसी भाषा में जवाब भी देते हैं।

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