अगर आपने कभी मृत्यु के बाद भी अपनी चेतना को संरक्षित करने और क्लाउड पर जीने का सपना देखा हो, तो एक नया स्टार्टअप नेक्टोम छह लाख रुपये की फीस वसूल कर आपके दिमाग को अमर बना देगा। यह दिमाग को फ्रीज करेगा और भविष्य में तकनीक उन्नत हुई तो इस दिमाग को कंप्यूटर पर डालकर डिजिटल बना देगी। यानी आप मृत्यु के बाद डिजिटल रूप से जीवित रहेंगे। यादें, भावनाएं सब कुछ संरक्षित रहेगा। इस तकनीक की एक ही खामी है कि दिमाग संरक्षित करने की प्रक्रिया के दौरान आपकी जान भी जा सकती है। इसके बावजूद 25 लोग अब तक इस स्टार्टअप के ग्राहक बन चुके हैं। इसमें सिलिकान वैली के 32 वर्षीय उद्योगपति सैम अल्ममैन भी शामिल हैं।
अल्तमैन वाई कंबिनेटर कंपनी के मालिक हैं, जो नेक्टोम जैसे स्टार्टअप में निवेश करती है। वहीं अगले हफ्ते नेक्टोम के संस्थापक राबर्ट मैकइनटायर पहली बार अपनी कंपनी में निवेश के लिए पिच करेंगे। राबर्ट के मुताबिक नेक्टोम की योजना बेहद बीमार मरीजों को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से जोड़ने की है। इसके बाद उन्हें एनेस्थिसिया देकर बेहोश कर दिया जाएगा। फिर पूरे शरीर में धमनियों के रास्ते ढेर सारे रसायन डाले जाएंगे। याद रहे इस पूरी प्रक्रिया दौरान मरीज जीवित रहेगा, लेकिन यह बेहद घातक है और इसमें जान जाने की 100 प्रतिशत आशंका है।
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कानूनी रूप से संभव नहीं
ज्यादातर देशों में कानूनी रूप से ऐसा करना संभव नहीं है। अमेरिका के पांच राज्यों में यह प्रक्रिया की जा सकती है, वह भी तब जब डॉक्टरों ने घोषित कर दिया हो कि मरीज को गंभीर बीमारी है और वह छह महीने से ज्यादा नहीं जी पाएगा
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