संयुक्त अरब अमीरात के वरिष्ठ राजनयिक और गल्फ फेडरेशन के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश को लेकर लगाए गए प्रतिबंध का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह फैसला लेने का पूरा हक है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध को अमेरिका का ‘स्वायत्त निर्णय’ बताया। अरब देशों में ट्रंप के फैसले को मिला यह पहला समर्थन है।
7 मुस्लिम देशों पर ट्रंप के लगाए बैन को UAE का समर्थन
अल नाहयान का बयान ट्रंप प्रशासन की ही तरह इस बैन को मुस्लिम विरोधी होने की बात से इनकार करता है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह प्रतिबंध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। अल नाहयान ने कहा कि दुनिय के ज्यादातर ऐसे देश जहां की आबादी मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
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अल नाहयान का कहना है कि ‘यह एक अस्थायी प्रतिबंध है और तीन महीने बाद इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी। ऐसे में यह जरूरी है कि प्रतिबंध के बारे में बात करते हुए हम इस पहलू का ध्यान रखें।’ अल नाहयान ने अबूधाबी में रूस के विदेशमंत्री के साथ हुई अपनी मुलाकात के बाद यह बात कही।
नाहयान ने कहा, ‘इस प्रतिबंधित सूची में कुछ देश ऐसे हैं जहां संस्थागत परेशानियां हैं। इन देशों को चाहिए कि वे अपने मुद्दे और इन परेशानियों को सुलझाने की कोशिश करें। अमेरिका के साथ इस मुद्दे को सुलझाने से पहले उन्हें इन परिस्थितियों में सुधार लाने की कोशिश करनी चाहिए।’ मालूम हो कि संयुक्त अरब अमीरात अरब देशों में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगी देशों में से एक है।