भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता किसी से छिपी नहीं। मगर बीते लंबे अरसे से दोनों टीमें आपस में कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेल रही। केवल आईसीसी के टूर्नामेंट में ही इनकी भिड़ंत होती है। पड़ोसी देशों की राजनैतिक कटुता का असर खेल पर पड़ता देख आईसीसी के नए चेयरमैन भी अपनी भावनाएं जाहिर करने से खुद को रोक नहीं पाए।

न्यूजीलैंड क्रिकेट के प्रमुख रहे ग्रेग बार्कले को बीते हफ्ते ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का नया मुखिया बनाया गया है। भारत के शशांक मनोहर की जगह लेने वाले इस व्यावसायिक अधिवक्ता ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट पर सहमति बनाने का वादा किया। लंबे समय से बीसीसीआई और पीसीबी के बीच चली आ रही तनातनी को करीब से देख रहे बार्कले ने साथ में यह भी स्पष्ट किया कि कुछ चीजें क्रिकेट से ऊपर होती है।
भारत-पाक संबंधों के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे पास जितनी शक्तियां और अधिकार है, हम उससे बेहतर करने की कोशिश करेंगे। मुझे भारत-पाकिस्तान मैच से ज्यादा आनंद कहीं नहीं आता। दूसरी तरफ आईसीसी की अपनी क्षमता या सीमाएं हैं, जो सिर्फ क्रिकेट ही संचालित कर सकती है। राजनैतिक संबंध अलग होते हैं, जिसके असर को खेल पर नकारा नहीं जा सकता।
बताते चले कि भारत सरकार ने कई बार स्पष्ट तौर पर कहा है कि पाकिस्तान को भारत के साथ क्रिकेट संबंध बहाल करने के लिए सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां रोकनी होंगी। ऐसा कोई काम नहीं करना होगा जिससे हिंदुस्तान के हित को चोट पहुंचे। आखिरी बार दोनों ही टीम विश्व कप 2019 में टकराई थी, जहां भारत ने आसानी से पाक को पटका था।
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