जनरल बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए. नए साल के पहले दिन वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में पदभार संभालेंगे. मंगलवार को रिटायर होने से पहले उन्होंने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. पत्रकारों से बातचीत में बिपिन रावत ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उनकी नियुक्ति के बारे में सूचना दी थी.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने जनरल रावत को लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर फेयरवेल डिनर दिया था, जिसमें कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य और सशस्त्र बलों के अधिकारी मौजूद थे. इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जनरल बिपिन रावत को उन्हें देश के पहले सीडीएस नियुक्त किए जाने की जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने जनरल रावत को बताया कि आप देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होंगे.
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने सोमवार रात लगभग 9 बजे जनरल रावत की सीडीएस के रूप में नियुक्ति कर दी. केंद्र सरकार ने सोमवार रात जनरल रावत को सीडीएस नियुक्त करने की घोषणा की थी.
गौरतलब है कि जनरल रावत 31 मार्च, 2023 तक सीडीएस रहेंगे. जनरल रावत 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त हुए थे और एक जनवरी, 2017 से देश की थल सेना के प्रमुख हैं. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना के नियमों में संशोधन किया था. संशोधन के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ 65 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं देगा. पूर्व के नियमों के अनुसार तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल के लिए पद पर रह सकते थे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद, उसके विशेषाधिकार और कर्तव्य गठित किए थे. सीडीएस चार-सितारा से सुसज्जित होंगे, जो नए सैन्य विभाग की अगुआई करेंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की अवधारणा तैयार की थी.
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