मुंबई पहुंचते ही कंगना रनौत ने अपने राजनीतिक रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं. कंगना ने आज मुंबई की कुलदेवी मानी जाने वाली मुंबा देवी और सिद्धिविनायक के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात भी की.

मीडिया से बात करते हुए कंगना ने कहा कि उनको मुंबई में रहने के लिए सिर्फ गणपति बप्पा की परमिशन चाहिए किसी और की नहीं. कंगना के इस बयान को उद्धव सरकार को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कंगना के पीछे उनकी सरकार कुछ इस तरह पड़ गई थी कि उन्होंने गलत तरीके से कंगना का ऑफिस तोड़ डाला.
बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सरकार की इस कार्रवाई को गलत बताया था और बीएमसी को गलत तरीके से और जल्दबाजी में उनके ऑफिस में तोड़फोड़ के लिए जुर्माना भी भरने को कहा था. कोर्ट ने ये नहीं बताया था कि अभी कितना जुर्माना देना होगा लेकिन एक सर्वेयर नियुक्त कर दिया था जो नुकसान की रिपोर्ट कोर्ट को देगा.
कंगना से भिड़ने के बाद सब जगह शिवसेना की आलोचना हुई थी क्योंकि शिवसेना पिछले कई दशकों से इस तरह का राजनीति करती रही है कि मुंबई में शिवसेना की मर्जी के खिलाफ कोई भी काम किया तो रहना मुश्किल कर देंगे. ऐसे में कंगना ने आज जब मीडिया से बात की तो उन्होंने साफ कर दिया कि वो शिवसेना सरकार की कार्रवाई से डरी नहीं हैं. उनको मुंबई में रहने के लिए शिवसेना की परमिशन की जरूरत नहीं है. बस गणपति बप्पा का आशीर्वाद की जरूरत है.
अब देखना होगा कि शिवसेना इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देती है क्योंकि कंगना के इस बयान पर वो चुप बैठेगी ऐसा उनकी पुरानी हरकतें देखकर नहीं लगता.
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