हमारा सौरमंडल और अंतरिक्ष कितने नए नए अजूबों से भरा पड़ा है, इसका एहसास हमें जब तक होता रहता है। हर कोई जानता है कि हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के चारो ओर उसके 67 चंद्रमा चक्कर लगाते हैं जबकि धरती का तो सिर्फ एक ही चंद्रमा है। डेली मेल की रिपोर्ट बताती है कि हाल ही में खगोल शास्त्रियों ने अपने खास स्पेस प्रोजेक्ट के दौरान जुपिटर यानि बृहस्पति ग्रह के चक्कर लगाने वाले 12 नए चंद्रमा खोज डाले हैं और वो भी अंजाने में। बता दें कि वैज्ञानिकों द्वारा यह खोज यूं ही दुर्घटनावश हो गई है। इस तरह से फिलहाल बृहस्पति ग्रह का चक्कर लगाने वाले चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 79 हो गई है।
बृहस्पति ग्रह का चक्कर लगाते चंद्रमा। फोटो : साभार Carnegie Science
ढाई करोड़ किमी दूर से उल्टी दिशा में कर रहे ग्रह की परिक्रमा
वैज्ञानिकों के मुताबिक बृहस्पति ग्रह के इतने सारे नए चंद्रमा बनने की वजह वह एस्ट्रॉयड हैं जिन्होंने तीन बड़ी स्पेस रॉक्स से टकराकर उन्हें तमाम टुकड़ों में बांट दिया था। द वर्ज की रिपोर्ट बताती है कि खगोल शास्त्री जब हमारे सौरमंडल के सबसे आखरी ग्रह प्लूटो से भी आगे एक संभावित विशाल ग्रह प्लेनेट एक्स को खोज रहे थे उसी वक्त उन्होंने बृहस्पति का चक्कर लगाते इन छोटे-छोटे चंद्रमाओं को देखा जो की बहुत ज्यादा दूरी से बृहस्पति ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि बृहस्पति ग्रह के ये नए चंद्रमा काफी दूरी से ग्रह का चक्कर लगा रहे हैं। 12 में से 9 चंद्रमा तो 15.5 मिलियन मील की दूरी से उल्टी दिशा में जुपिटर का चक्कर लगा रहे हैं।