माल्या ने रविवार को ट्वीट किया, “यूके में मीडिया मेरा पीछा कर रहा है। लेकिन अफसोस है कि वे सही जगह तलाश नहीं कर रहे हैं। मैं मीडिया से बात नहीं करूंगा, इसलिए अपनी मेहनत बेकार मत करो।”
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़ चुके हैं। बैंकों ने माल्या का पासपोर्ट जब्त करने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी थी।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम ने 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज नहीं चुका पाने के मामले में माल्या के खिलाफ कोर्ट और ट्रिब्यूनल में अपील की है।इस बीच, शनिवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विलफुल डिफॉल्टर यानी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों पर सख्ती करते हुए उनके फंड जुटाने पर रोक लगा दी थी।
उद्योगपति विजय माल्या के कर्ज नहीं चुकाने के विवाद के बीच सेबी का ये फैसला बेहद अहम माना जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया है।
सेबी के अनुसार जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले फंड नहीं जुटा पाएंगे। साथ ही उन पर पब्लिक इश्यू आईपीओ या एफपीओ के जरिए रकम जुटाने पर भी रोक रहेगी।
सके अलावा ऐसे लोग सूचीबद्ध कंपनियों पर भी नियंत्रण नहीं रख सकेंगे। सेबी ने विलफुल डिफॉल्टर्स को म्यूचुअल फंड्स जैसा कारोबार शुरू करने पर भी रोक लगा दी है।