महाकुंभ 2021 में महाशिवरात्रि (11 मार्च) पर पहले शाही स्नान के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. कुंभ में अखाड़ों की हिस्सेदारी का विशेष महत्व है. भारतीय अखाड़ा परिषद के तहत कुल 13 अखाड़े हैं जिनमें 500 के लगभग महामंडलेशवर पद है. महंत नरेंद्र गिरी महाराज निरंजनी अखाड़े के प्रमुख होने के साथ-साथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी हैं. महंत नरेंद्र गिरी ने आह्वान किया है कि अखाड़ा परिषदों में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व मिले.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की अखाड़ों में अधिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया. ये पहली बार है कि अध्यात्म के क्षेत्र में महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के लिए जोरदार ढंग से आवाज उठाई गई है.
महंत नरेंद्र गिरि महाराज जिस निरंजनी अखाड़े के प्रमुख है, उसमें 13 महिलाएं महामंडलेश्वर हैं. एक और अहम जूना अखाड़े में भी महिलाएं महामंडलेश्वर के पद पर आसीन हैं.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने मीडिया से विशेष बातचीत में कहा कि महिलाओं को अखाड़ों में अधिक सम्मान और नेतृत्व मिलना चाहिए. उनके मुताबिक अध्यात्म में विश्वास रखने वाली महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार अखाड़ा परिषदों और महामंडलेश्वर जैसे पदों पर जगह मिले.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि महिलाएं देश में आर्थिक, सामाजिक, रक्षा समेत सभी क्षेत्रों में आगे हैं तो उन्हें अध्यात्म के क्षेत्र में भी प्रमुख और महत्वपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को प्रयागराज में कुंभ 2019 के दौरान महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया था. ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी केंद्रीय मंत्री को अखाड़े की ओर से महामंडलेश्वर की पदवी दी गई. प्रयागराज में कुंभ के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने साध्वी निरंजन ज्योति को चादर ओढ़ाकर महामंडलेश्वर की पदवी देने के साथ पट्टाभिषेक किया था. बहरहाल, महंत नरेंद्र गिरी महाराज के इस बयान के साथ महिलाओं को अखाड़ो में अधिक प्रतिनिधित्व के मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है.