महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान के विरोध में शिरडी (Shirdi) पूरी तरह रविवार को बंद रहा। इसके बावजूद यहां का साई बाबा (Sai Baba Temple) मंदिर खुला और यहांं श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची। इस बंद के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फंसते नजर रहे हैं। इस क्रम में सोमवार को उन्होंने एक मीटिंग बुलाई है जिसमें वे सभी प्रतिनिधियों से बात करेंगे।
दरअसल, उन्होंने प्रभानी (Parbhani) स्थित पथरी को साई बाबा का जन्मस्थान बताया है। बंद के दौरान शिरडी शहर के बाजार पूरी तरह बंद रहे। इस बंद को शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने अपना समर्थन दिया। पथरी के विकास के लिए मुख्यमंत्री ठाकरे ने 100 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान भी किया था। इससे पहले वर्ष 2018 में यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बाबा का जन्मस्थान पथरी को ही बताया था।
9 जनवरी को मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद (Aurangabad) में साईंबाबा के कथित जन्म स्थान पथरी के लिए 100 करोड़ की विकास निधि की घोषणा की। इसके बाद से ही शिरडी में नाराजगी का माहौल है और बंद का ऐलान कर दिया गया। पथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे। बंद बुलाने वाले लोगों के अनुसार, साई बाबा ने अपने जन्म और धर्म को लेकर कहीं चर्चा नहीं की न ही उनके चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा है।
वहीं साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर (Ashok Khambekar) ने भी कहा कि साई बाबा ने अपने जन्म व धर्म के बारे में नहीं बताया। वे सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakrey) की ओर से गलत जानकरी दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री को साई सत चरित्र के अध्ययन की सलाह दी।
उन्होने आगे कहा कि साई बाबा के जन्मस्थान को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने भी बयान दिया था 2018 में जब साईं बाबा समाधि शताब्दी समारोह का उद्धघाटन करने आए थे। राष्ट्रपति ने भी यही कहा था कि साई बाबा का जन्मस्थान पथरी (Pathari) है और इसके विकास के लिए काम करेंगे जिसका उस समय भी काफी विरोध हुआ था।