आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मंगलवार (13 फरवरी) को भाजपा का दामन थाम लिया है। सोमवार को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में वो भाजपा में शामिल हुए।
मेरे राजनीतिक करियर की नई शुरुआत: अशोक चव्हाण
वहीं, अशोक चव्हाण ने आज जानकारी दी है कि वो भाजपा में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को जानकारी देते हुए कहा,”आज यह मेरे राजनीतिक करियर की नई शुरुआत है। मुझे उम्मीद है कि हम महाराष्ट्र के रचनात्मक विकास के लिए काम करेंगे।”
फडणवीस ने अशोक चव्हाण को लेकर क्या कहा?
अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़े जाने पर भाजपा के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अन्य दलों के कई बड़े नेता हमारे संपर्क में हैं। आगे-आगे देखिए, होता है क्या। कहा जा रहा है कि अशोक चव्हाण समर्थक कई विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट या राकांपा अजीत गुट में जाने को तैयार बैठे हैं।
भाजपा की मराठवाड़ा क्षेत्र में बढ़ेगी ताकत
बता दें कि मराठवाड़ा क्षेत्र में अशोक चव्हाण की जबरदस्त ताकत है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अगर वो भाजपा का दामन थाम लेते हैं तो यह महाराष्ट्र में भाजपा और भी ताकतवर हो सकती है। जानकारी ये भी सामने आ रही है कि भाजपा उन्हें बतौर सांसद राज्यसभा भेज सकती है। अमरावती से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दावा किया है कि 10 से 15 विधायक अशोक चव्हाण के संपर्क में हैं।
अशोक चव्हाण के राजनीतिक करियर पर एक नजर
अशोक चव्हाण 1986 से 1995 तक महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और महासचिव थे। उन्होंने 1999 से शुरू होकर मई 2014 तक तीन कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में कार्य किया।
उन्होंने 8 दिसंबर 2008 से लेकर 9 नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।। 9 नवंबर 2010 को कांग्रेस पार्टी ने उन्हें आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों पर पद से इस्तीफा देने के लिए कहा।
2014 के आम चुनावों में चव्हाण नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए, लेकिन 2019 में भाजपा के प्रताप पाटिल चिखलीकर से सीट हार गए। वह महाराष्ट्र में कांग्रेस की नैया छोड़ने वाला तीसरा बड़ा नाम हैं। सबसे पहले जाने वाले थे दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, उनके बाद पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी थे।