महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा के नतीजों के बाद अब ऐसा लग रहा है कि शरद पवार ने विधानसभा की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग से कहा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करने में अधिक सावधानी बरते।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर अजित पवार खेमे ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने कहा है कि उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करने में अधिक सावधानी बरते, ताकि मतदाताओं में भ्रम की स्थिति न पैदा हो।
सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग से की ये अपील
सोमवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए सुले ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान आवंटित किए गए “भ्रमित” चुनाव चिन्हों के बारे में चिंताओं को दूर करने का अनुरोध किया।
बारामती से लोकसभा सदस्य ने कहा कि राकांपा (सपा) ने ईवीएम पर “तुरही” (trumpet) और “तुरही बजाता हुआ आदमी” (man blowing trumpet) जैसे समान चुनाव चिन्हों का मुद्दा उठाया।
सुले ने कहा, इन प्रतीकों का पार्टी पर (लोकसभा चुनावों में) नकारात्मक असर पड़ा। नतीजतन, हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टियों और उम्मीदवारों को प्रतीक आवंटित करने में अधिक सावधानी बरते, ताकि भ्रम और प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके।
अक्टूबर में होंगे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने हैं। पिछले साल जुलाई में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था और महाराष्ट्र विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का हवाला देते हुए ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न के साथ-साथ राकांपा के नाम पर भी दावा किया था।
बाद में चुनाव आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (सपा) को “तुरही बजाता हुआ आदमी” चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया था।
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद, महाराष्ट्र एनसीपी (सपा) के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह और एक स्वतंत्र उम्मीदवार, जिसका चुनाव चिन्ह ‘तुतारी’ (तुरही) था, के बीच समानता के कारण मतदाता भ्रमित हो गए, जिसके परिणामस्वरूप सतारा संसदीय क्षेत्र में उनकी पार्टी के उम्मीदवार की हार हुई।
11 विधान परिषद सीटों के लिए 12 उम्मीदवार
महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 12 जुलाई को होने वाले 11 सीटों के चुनाव के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। वरिष्ठ नेताओं के सामने महा विकास अघाड़ी या दोनों दलों के वोटों का मिलान करके अपने उम्मीदवारों का चयन करने की एक बड़ी चुनौती है। आखिर वोटों का मिलान कैसे होगा? किसको कितने वोट मिलेंगे? निर्दलीय विधायकों की वास्तविक भूमिका क्या है? ऐसे सवाल उठ रहे हैं। इसलिए वोटों के बंटवारे से बचने के लिए कुछ पार्टियां अपने विधायकों को होटलों में रखने जा रही हैं।
विधान परिषद चुनाव को लेकर बीजेपी भी सावधान
उद्धव ठाकरे और अजित पवार की एनसीपी के बाद बीजेपी भी सतर्क दिख रही है। सभी बीजेपी विधायकों को होटल में रखा जाएगा। खबर है कि पार्टी ने अपने सभी विधायकों को होटल में रखने का फैसला किया है ताकि वोटों का बंटवारा न हो सके।
अब पार्टी ले सकेगी चंदा
निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) को महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंदा स्वीकार करने की अनुमति सोमवार (8 जुलाई) को दे दी है। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आयोग से अनुरोध किया था कि वह जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी के दर्जे को प्रमाणित करे। आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं के तहत पार्टी को सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वैच्छिक रूप से दी गई राशि को स्वीकार करने के लिए ऑथराइज्ड किया है।