न्यायाधीश देशमुख ने बुधवार को आरोपी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इन दिनों नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन घटनाओं के बाद बहुत कम ही पीड़ित शिकायत दर्ज कराने आते हैं।
महाराष्ट्र के ठाणे में एक अदालत ने 2019 में एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 51 वर्षीय व्यक्ति को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश डीएस देशमुख ने कहा कि ऐसी घटनाओं की जानकारी पुलिस को दी जानी चाहिए। इससे समाज में जागरूकता पैदा होती है और सजा आरोपियों के लिए निवारक के रूप में काम करेगी। विशेष लोक अभियोजक संध्या एच. मात्रे ने अदालत को बताया कि पांच जुलाई 2019 को पीड़िता 13 साल की थी और वह स्कूल जा रही थी, तब आरोपी मोइज हातिम रामपुरवाला ने उसका पीछा किया और उसे गलत तरीके से छुआ।
एक महिला ने की थी पीड़िता की मदद
लड़की ने आरोपी की हरकतों का विरोध किया। शोर मचाया और छाते से उसे मारने की कोशिश की। वहां से गुजर रही एक महिला ने पीड़िता को बचाया, जबकि आरोपी मौके से फरार हो गया। पीड़िता और महिला ने आरोपी का उसके घर तक पीछा किया और उसे पकड़ लिया। पीड़ित लड़की और महिला ने बाद में पुलिस से संपर्क किया और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
आरोपी को ठहराया गया दोषी
न्यायाधीश देशमुख ने बुधवार को आरोपी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इन दिनों नाबालिगों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन घटनाओं के बाद बहुत कम ही पीड़ित शिकायत दर्ज कराने आते हैं। न्यायाधीश ने कहा, “समाज को यह समझना चाहिए कि यह एक अपराध है और ऐसी घटनाओं की शिकायत की जानी चाहिए। इससे लड़कियों को सुरक्षा देने और समाज में जागरूकता पैदा करने में काफी मदद मिलेगी। इस तरह की सजा से अपराधियों पर लगाम लगेगी।”
अदालत ने आरोपी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया। न्यायाधीश के निर्देश के अनुसार, एक बार आरोपी से राशि बरामद होने के बाद इसे पीड़ित को मुआवजे के रूप में भुगतान किया जाना चाहिए। आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पीड़िता और उसकी मदद करने वाली महिला समेत चार लोगों से पूछताछ की गई।
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