अदालत ने 15 जनवरी को कराड को 22 जनवरी तक सीआईडी की विशेष जांच दल की हिरासत में भेज दिया था। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बताया कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्हें एक ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली की योजना में बाधा बनने का संदेह था।
महाराष्ट्र के बीड जिले की एक अदालत ने सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले में आरोपी वाल्मिक कराड को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कराड को सीआईडी हिरासत की समयसीमा समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) मामलों की विशेष अदालत के समक्ष एक वीडियो लिंक के जरिए पेश किया गया था।
महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड के खिलाफ 14 जनवरी को मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसकी हिरासत के लिए मकोका की विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अदालत ने 15 जनवरी को कराड को 22 जनवरी तक सीआईडी की विशेष जांच दल की हिरासत में भेज दिया था। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बताया कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्हें एक ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली की योजना में बाधा बनने का संदेह था। जांच दल के मुताबिक अपराध को अंजाम दिए जाने के समय वाल्मीक कराड उनके हत्यारों के संपर्क में था।
क्या है पूरा मामला?
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के पीछे एक बड़ी जबरन वसूली का मामला है। बीड जिले में पवन चक्कियां स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से कथित तौर पर दो करोड़ रुपये की वसूली की जा रही थी। देशमुख ने इस जबरन वसूली का विरोध किया था, जिसके बाद नौ दिसंबर को उनका अपहरण किया गया और फिर हत्या कर दी गई।
उनकी मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया, जिसके बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, कुछ दिन पहले, महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड ने पुणे में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।