महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत के मुताबकि, महाराष्ट्र सरकार ने 19 फरवरी से कॉलेजों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है।
गौरतलब है कि भारत का राष्ट्रगान जन गण मन पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन के दौरान बंगाली और हिंदी भाषा में गाया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसकी रचना की थी।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को अपनी पार्टी की एक रैली में कहा था कि अभी सीएए-एनआरसी के विरोध में निकाले जा रहे मोर्चो का उत्तर मोर्चे से दिया जा रहा है। यदि ये उन्माद इसी तरह चालू रहा तो पत्थर का जवाब पत्थर से और तलवार का जवाब तलवार से दिया जाएगा। राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने रविवार को पाकिस्तानी एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध बड़ी रैली का आयोजन किया। मरीन ड्राइव स्थित हिंदू जिमखाना से शुरू होकर आजाद मैदान तक गई इस रैली में बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। रैली का नेतृत्व स्वयं राज ठाकरे ने किया। आजाद मैदान पहुंच कर एक बड़ी सभा में परिवर्तित हो गई इस रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने सीएए और एनआरसी का खुला समर्थन करते हुए इसके विरोधियों से सवाल किया कि इसमें बुराई क्या है ?
राज ठाकरे ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि जितनी स्वतंत्रता आपको इस देश में मिली है, उतनी अन्य किसी देश में नहीं मिल सकती। यहां चैन से रहो, इसे बर्बाद करने का प्रयास मत करो। राज ने सलाह दी कि सच्चे मुसलमानों को भी सीएए-एनआरसी के पक्ष में जनजागरण करना चाहिए।राज ठाकरे ने कहा कि आज सरकार के विरोध में बोलने वालों को भाजपा विरोधी एवं सरकार के पक्ष में बोलने वालों को भाजपा समर्थक मान लिया जाता है, लेकिन इन दोनों पक्षों से अलग भी कोई ठोस भूमिका हो सकती है। राज के अनुसार उनकी पार्टी इस रैली के माध्यम से वही भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने खराब अर्थव्यवस्था के दौर में सीएए जैसा कानून लाने के लिए सरकार की भी आलोचना की। साथ ही यह भी कहा कि जब यह कानून आ ही गया है, तो इसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। घुसपैठियों को देश से बाहर निकालकर देश को साफ-सुथरा किया जाना चाहिए।