सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष की 7 पार्टियां महाभियोग चलाये जाने के लिए कमर कस चुकी है. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू तक पंहुचा दिया है, मगर इस पर पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह ने साइन नहीं किए हैं जिस पर कपिल सिब्बल से सफाई देते हुए कहा कि हमने जानबूझ उन्हें इस मामले से दूर रखा है. आपको बता दें कि कांग्रेस के अनुसार इसपर 71 सांसदों के साइन हैं. इनमें से 7 सांसद रिटायर हो चुके हैं.
मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी पार्टी से अलग रह पर चल पड़े है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि चाहे जज लोया का मामला हो या कोई अन्य, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही अंतिम होता है. अगर शीर्ष कोर्ट के फैसले को लेकर किसी को कोई आपत्ति है तो पुनर्विचार याचिका, उपचारात्मक याचिका दाखिल करने की छूट होती है. यह अलग बात है कि इनका दायरा बहुत सीमित होता है.
सलमान खुर्शीद ने कहा कि वकील का काला गाउन और सफेद बैंड पहनने वाले किसी भी आदमी के लिए कोर्ट के फैसले पर सोच समझ कर सवाल उठाने चाहिए. यह संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा कि शीर्ष कोर्ट के फैसले पर राजनीति करने को उचित नहीं कहा जा सकता है.
महाभियोग के मुख्य पांच आधार –
1. मुख्य न्यायाधीश के पद के अनुरुप आचरण ना होना, प्रसाद ऐजुकेशन ट्रस्ट में फायदा उठाने का आरोप. इसमें मुख्य न्यायाधीश का नाम आने के बाद सघन जांच की जरूरत.
2. प्रसाद ऐजुकेशन ट्रस्ट का सामना जब CJI के सामने आया तो उन्होंने CJI ने न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया को किनारे किया.
3. बैक डेटिंग का आरोप.
4. जमीन का अधिग्रहण करना, फर्जी एफिडेविट लगाना और सुप्रीम कोर्ट जज बनने के बाद 2013 में जमीन को सरेंडर करना.
5. कई संवेदनशील मामलों को चुनिंदा बेंच को देना.
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