भारत की तरफ से पाम ऑयल (Palm Oil) के आयात में कटौती के बाद मलेशिया की बौखलाहट सामने आने लगी है. मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (Prime Minister Mahathir Mohamad ) ने अब कहा है कि भारत को जवाब देने के लिए वह बहुत छोटे देश हैं. ऐसे में वे कोई समाधान निकालने की कोशिश में हैं. भारत ने मलशिया से पाम ऑइल की खरीददारी में कटौती कर दी है, जिसके बाद मलेशियाई पीएम की तरफ से यह बयान सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार इस बात से नाराज़ है कि मलेशिया लगातार कश्मीर और नागरिकता कानून जैसे मुद्दे पर बयानबाज़ी कर रहा है.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा, ‘बदले की भावना से एक्शन लेने के लिए हम बहुत ही छोटे मुल्क हैं. हमें इन परेशानियों से निकलने के लिए कोई न कोई समाधान तलाशना होगा.’
मलेशिया की बोलती बंद
मलेशिया पाम ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत से पाम ऑयल के आयात में कटौती के बाद मलेशिया में पाम ऑयल की कीमतें 11 साल के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गई हैं. कीमतों में आ रही गिरावट के चलते मलेशिया खासा परेशान है और अब वह भारत से दोबारा बातचीत के लिए रास्ता तलाश रहा है. भारत में कुल खाद्य तेल का एक तिहाई हिस्सा पाम ऑयल का होता है. भारत सालाना तौर पर करीब 90 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है. ज्यादातर इसका आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से किया जाता है
अगले हफ्ते होगी बातचीत
कहा जा रहा है कि अगले हफ्ते दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की मीटिंग से मलेशिया के वाणिज्य मंत्री डारेल लेइकिंग पीयूष गोयल से बातचीत कर सकते हैं. हालांकि पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने मलेशिया के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है.
भारत के खिलाफ बयानबाज़ी पिछले कुछ समय मलेशिया कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध कर रहा है. पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का मुद्दा उठाया था.