प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का अचानक इस्तीफा देने से यहां राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। मलेशिया के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से सरकार गिराने की कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री ने अपना इस्तीफा किंग को सौंप दिया है।

महातिर 10 मई, 2018 को प्रधानमंत्री बने थे। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और महातिर के बीच दोस्ती गाढ़ी दोस्ती है। महातिर ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के समर्थन किया था। इसके बाद भारत और मलेशिया के बीच दोस्ती में थोड़ा तनाव उत्पन्न हो गया था। भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल के ऑयल के कटौती कर दी थी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक महातिर की पार्टी बेरास्तु ने साझा सरकार के गठबंधन को छोड़ दिया है। लिहाजा उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। विश्व के सबसे उम्रदराज नेता, 94 वर्ष के महातिर ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा सरकार गिराने की कोशिशों के बाद ये फैसला लिया। उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि महातिर ने ‘मलेशिया के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा भेज दिया है।
महातिर की मलेशिया की राजनीति में एक अच्छा अच्छा खाशा दखल रहा है। यहां की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ है। वर्ष 1981 से लेकर साल 2003 तक महातिर मोहम्मद देश के प्रधानमंत्री रहे।
इसके बाद एक बार फिर से वर्ष 2018 में उन्होंने सत्ता संभाली थी। वर्ष 2018 के चुनाव में उन्होंने नज़ीब रज़ाक को हराया था। रज़ाक पर उस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
पिछले एक हफ्ते से मलेशिया की राजनीतिक अस्थिरता चल रही थी। दरअसल वर्ष 2018 में महातिर और अनवर इब्राहिम ने मिलकर सरकार बनाई थी।
उस वक्त कहा गया था कि 94 साल के महातिर कुछ साल के बाद अनवर को सत्ता सौंप देंगे, लेकिन रविवार को अनवर ने महातिर की पार्टी पर धोखेबाजी का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि महातिर ने धोखा देते हुए यूनाइटेड मलायस नैशनल ऑर्गनाइजेशन (UMNO) के साथ हाथ मिला लिया।
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