मनु भाकर की जीत पर गदगद हुए राहुल द्रविड़

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में कांस्य पदक जीतने के लिए मनु भाकर की प्रशंसा की। द्रविड़ ने इसे भारत के युवा शूटरों के लिए प्रेरणादायक बताया। राहुल द्रविड़ ने कहा कि यह भारत के लिए एक महान दिन रहा। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाया।

भारत के 2024 टी20 वर्ल्ड कप विजेता कोच राहुल द्रविड़ को पेरिस में स्पाट किया गया। उन्हें ओलंपिक गेम्स के बारे में बातचीत करते हुए देखा गया। यही नहीं द्रविड़ ने मनु भाकर के ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के सफर की भी प्रशंसा भी की। बता दें कि हरियाणा में जन्मी 22 साल की मनु भाकर ने 28 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत का पदक में खाता खोला। मनु ने निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के 12 साल के सूखे को खत्म किया। मनु, अभिनव बिंद्रा, राज्यवर्धन सिंह राठौर, विजय कुमार और गगन नारंग के बाद निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली केवल पांचवीं निशानेबाज बनीं। ऐसे में द्रविड़ ने भाकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की भयावह यादों को पीछे छोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

कई सालों का त्याग…
द्रविड़ ने कहा, टोक्यो में जो कुछ हुआ, उसकी निराशा के बाद यहां आना और उससे उबर पाना, यह अविश्वसनीय है। यहां आकर प्रतिस्पर्धा करना और कांस्य पदक जीतना। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। इस तरह की उपलब्धियों के लिए कई सालों का त्याग, कड़ी मेहनत, दृढ़ता चाहिए होता है। मुझे लगता है कि हम जानते हैं कि एथलीटों के लिए यह कितना कठिन है, उन्हें कितने बलिदान करने पड़ते हैं। मैं कल्पना कर सकता हूं कि इन खेलों में कितना दबाव होता है।

‘भारत के लिए महान दिन’
पूर्व भारतीय हेड कोच ने आगे कहा, यह उनके खेल का शिखर है। इनमें से कई एथलीटों के लिए ओलंपिक से बड़ा कुछ नहीं हो सकता। उनके लिए, इस स्तर पर ऐसा करने में सक्षम होना, दबाव में ऐसा प्रदर्शन करने में सक्षम होना, उन्हें बधाई। यह वास्तव में भारतीय खेल के लिए एक महान दिन है। देश भर के इतने सारे युवा लड़के और लड़कियों के लिए यह एक प्रेरणादायक कहानी है।

शूटिंग छोड़ने का बनाया था मन
गौरतलब हो कि मनु भाकर ने पिछले साल शूटिंग छोड़ने के बारे में भी सोचा था, लेकिन फिर उन्होंने फिर से इस खेल में अपनी खुशी तलाश ली। यह बात उनकी उपलब्धि को और भी प्रेरणादायक बनाती है। भाकर ने फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने कुल 221.7 अंक हासिल किए।

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