मध्य प्रदेश में मौसम के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहे हैं। जहां कुछ क्षेत्र में हल्की बारिश हो रही है वहीं कई जिलों में तेज धूप से गर्मी का पड़ रही है। देश के चार राज्य- गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से मानसून विदाई ले रहा है। कई जिलों से इसकी वापसी हो गई है, लेकिन मध्यप्रदेश में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बारिश होने का अनुमान है। इसके बाद ही मानसून की विदाई हो सकती है। इससे पहले 25-26 सितंबर से प्रदेश में तेज बारिश होने का अनुमान है। मंगलवार को कुछ जिलों में बारिश हो सकती है।
अक्टूबर के पहले सप्ताह तक प्रदेश में होगी बारिश
मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि एमपी में मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी। अमूमन सितंबर तक मानसून का पीरियड रहता है। देश से मानसून की वापसी भी हो रही है। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक प्रदेश में बारिश होने की संभावना है। सोमवार को कई जिलों में बारिश और धूप वाला मौसम रहा। भोपाल में सुबह से ही धूप खिली रही। इस वजह से गर्मी और उमस से परेशानी बढ़ गई। इंदौर में करीब एक इंच पानी गिर गया। वहीं, रतलाम में बूंदाबांदी हुई।
प्रदेश में अब तक औसत 43.9 इंच बारिश
प्रदेश में अब तक औसत 43.9 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 36.5 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।सीजन में शुरुआत से ही इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं रही। एक समय तो इंदौर में प्रदेश की सबसे कम बारिश हुई थी। ऐसे में अटकलें थीं कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश भी होगी? लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश की वजह से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि, संभाग के बड़वानी, खरगोन और खंडवा की तस्वीर बेहतर नहीं है। दूसरी ओर, उज्जैन में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ है। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर दूसरे नंबर पर है।