एजेंसी/ मथुरा : उत्तरप्रदेश के मथुरा में अतिक्रमण हटाने के साथ ही हिंसा भड़क गई। पुलिस ने इस मामले में करीब 368 लोगों को पकड़ लिया। हालांकि पुलिस को इस मामले में रामवृक्ष यादव की तलाश है। उन्हें घटना के लिए मुख्यतौर पर जवाबदार बताया गया है। हालांकि पुलिस द्वारा रामवृक्ष की मौत से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। पुलिस को आशंका है कि वह भी उपद्रव में मारा गया हो।
उल्लेखनीय है कि गोलीबार में एसओ संतोष यादव शहीद हो गया। उसके अंतिम संस्कार हेतु परिजन पहले तैयार नहीं हो रहे थे लेकिन इसके बाद वे समझाईश के बाद मान गए। हंगामे के बाद शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान जौनपुर के प्रशासनिक अधिकारी व सपा के स्थानीय नेता उपस्थित थे।
सांसद हेमा मालिनी मथुरा पहुंची। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को लेकर सवाल किए। उन्होंने कहा कि वे चिकित्सालय में घायल हुए पुलिसकर्मियों से भी भेंट करेंगी। जब उनसे इस तरह की घटना को लेकर कहा गया तो उन्होंने कहा कि आखिर क्षेत्र में इतने हथियार कैसे एकत्रित हो गए। जब मुझे दो माह पूर्व इस तरह की घटना की जानकारी मिली तो मैंने अधिकारियों से चर्चा की थी। उनका कहना था कि वे धरना प्रदर्शन में भाग भी लेंगी।
उत्तरप्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद द्वारा कहा गया कि जवाहर बाग में पुलिस पर हथियारों और लाठियों से हमला कर दिया गया। इसके बाद भी पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने का प्रयास किया। पुलिस ने हिंसा को रोकने की पूरी कोशिश की। ऐसे में पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। दोनों ओर से हुई फायरिंग में पुलिस को भी नुकसान हुआ। जिसमें एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव सहित 24 लोगों को मार दिया गया। घटनास्थल से 315 बोर के 45 हथियार और दो 12 बोर के हथियार बरामद कर दिया गया।
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