भारत में कोरोना परीक्षणों की संख्या गुरुवार को 20 लाख के पार हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य मई के अंत तक 20 लाख परीक्षणों को पार करना था लेकिन हमने इसे अपने लक्ष्य से दो सप्ताह पहले ही पूरा कर लिया है।
भारत में कोरोना की जांच करने वाली 504 प्रयोगशालाएं हैं। इसमें 359 सरकारी और 145 निजी प्रयोगशालाएं हैं। हमने एक लाख परीक्षणों की दैनिक क्षमता को भी पार कर लिया है।’
अभी तक भारत ने अपनी प्रति मिलियन जनसंख्या में 1,540 लोगों का परीक्षण किया है। यह मार्च के अंत में 94.5 प्रति मिलियन जनसंख्या की तुलना में अधिक था लेकिन अभी भी अन्य देशों में प्रति मिलियन परीक्षणों की तुलना में यह बहुत कम है।
अमेरिका, स्पेन, रूस, ब्रिटेन और इटली में यह संख्या क्रमशः 31,080, 52,781, 42,403, 32,691, और 45,246 है। मंत्री ने कहा कि संक्रमण का डबलिंग (दोहरीकरण) रेट 13.9 दिन हो गया है। जो 14 दिन पहले 11.1 दिन था।
हर्षवर्धन ने कहा, मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है और मरीजों के ठीक होने की दर में सुधार हुआ है जो बुधवार को 32.83 प्रतिशत से बढ़कर 33.6 प्रतिशत हो गई है।
आईसीयू में सक्रिय मामलों की संख्या तीन प्रतिशत है। इसमें से 0.39 प्रतिशत वेंटिलेटर पर और 2.7 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। अप्रैल एक से कोविड-19 परीक्षणों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है।
कोविड-19 रोग का पता रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) का उपयोग करके किया जाता है, जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित कोरोना के लिए एकमात्र नैदानिक परीक्षण है।
पर्यावरण सचिव और स्वास्थ्य आपातकाल की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री की उच्च-स्तरीय समिति के सह-अध्यक्ष सीके मिश्रा ने कहा, यदि आवश्यक हो तो भारत के पास वर्तमान में आराम से परीक्षण करने के लिए पर्याप्त बैक-अप संसाधन उपलब्ध हैं।
हमने आयात पर अपनी निर्भरता काफी हद तक कम कर दी है और स्थानीय विनिर्माण बढ़ने के बाद इसमें कोई कमी नहीं आ रही है। हमारे पास जुलाई तक चलने के लिए पर्याप्त परीक्षण किट, आरएनए किट, वीटीएम और अन्य घटक हैं।