विपरीत वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण सौरमंडल के दूसरे ग्रहों में रह पाना संभव नहीं है। दुनिया भर के वैज्ञानिक पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर जीवन की संभावनाओं की तलाश में जुटे हैं। अब नासा और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में दावा किया है कि एक विशेष सामग्री ‘सिलिका एयरोजेल’ से मंगल ग्रह को रहने योग्य बनाया जा सकता है।

यह एक ऐसी सामग्री है जो पृथ्वी के वायुमंडल की तरह ही अन्य ग्रहों को ग्रीनहाउस प्रभावों से बचा सकती है। शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि उनकी यह खोज मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशने में एक बड़ा कदम साबित होगी। कार्ल सागन ने सबसे पहले एक थ्योरी के जरिए यह दावा किया था कि सौरमंडल के अन्य ग्रहों पर भी जीवन संभव हो सकता है, जिसके बाद वैज्ञानिकों का ध्यान दूसरे ग्रहों में जीवन की संभावनाएं तलाशने की ओर गया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal