सावन में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस शुभ दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक उपासना की जाती है। साथ ही व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पवित्र महीने में महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही हर सोमवार और मंगलवार को व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई (Mangla Gauri Vrat 2024 Date) को किया जाएगा। चलिए जानते हैं मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और उपाय के बारे में।
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)
मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत महादेव और माता पार्वती के ध्यान से करें। इस दिन हरा, लाल, गुलाबी और पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। अब मंदिर की सफाई कर संकल्प लें। माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करें और शिव जी को धतूरा और बेलपत्र समेत आदि चीजें चढ़ाएं। अब देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का उच्चारण करें। पूजा के दौरान मां मंगला गौरी की व्रत कथा पढ़ें। मां माता पार्वती से सुखी वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु की कामना करें। अंत में फल, मिठाई और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
मंगला गौरी व्रत के उपाय (Mangla Gauri Vrat Ke Upay)
मंगला गौरी व्रत के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद माता पार्वती की पूजा करें। सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। सावन में पड़ने वाले मंगलवार को माता पार्वती के संग हनुमान जी की भी पूजा करें। उन्हें सिंदूर अर्पित करें। इससे जातक की कुंडली में मंगल दोष दूर हो जाता है।