नई दिल्ली, एएनआई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन पर ये आरोप अरुणाचल प्रदेश में बनने जा रहे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लेकर लगे हैं, जिसमें उनपर 450 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।
सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों के चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने रिजिजू, उनके चचेरे भाई और ठेकेदार गोबोई रिजिजू, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और कॉरपोरेशन के कई अफसरों के खिलाफ 129 पन्नों की रिपोर्ट सीवीसी, सीबीआइ और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी है।
जुलाई में भेजी गई इस रिपोर्ट में रिजिजू समेत तमाम अफसरों पर घोटाले का आरोप लगाया गया है। इनमें से एक बांध रिजिजू के संसदीय क्षेत्र पश्चिमी कामेंग में बना है। रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआइ ने 2 बार बांध का औचक निरीक्षण भी किया है। लेकिन इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
तो वहीं किरण रिजिजू ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है, उनका कहना है कि जो लोग इस तरह की खबर को प्लांट कर रहे हैं, वो अगर यहां आएंगे तो जूते खाएंगे। उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि क्या लोगों की सेवा करना भ्रष्टाचार है? उनका ये भी कहना है कि ये बात सच है कि उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार की अर्जी पर ऊर्जा मंत्रालय को खत लिखा था, लेकिन उन्हें किसी घोटाले की जानकारी नहीं है। अगर किसी भी प्रकार का घोटाला हुआ है तो उसकी गहराई से जांच करा ली जाए।